*चल जल कर देख*
चल जल कर देख
चल कहानी से किरदार में ढलकर देख,,
बहुत बदला गैरो को खुद बदलकर देख।।
जमाने की जलन की परवाह मत कर आगे बढ़,,
उस जलन में अपने पापड़ पकौड़े तलकर देख।।
गिर गिर कर कितना जीयेगा ये जिंदगी जो है,,
बहुत गिरा अब जरा खुद ही सम्भलकर देख।।
नाराज जिसको होना है होगा फितरत है,,
लफ्ज सच के बोल और हक की बात बोलकर देख।।
आगे मंजिल है जो तेरी मेहनत से ही मिल पायेगी,,
सोने से कुंदन बनना है मनु तो आग में जलकर देख।।
मानक लाल मनु