चल कही दूर चलते है
चल कही दूर चलते हैं
सारे गमों को भूल चलते हैं
पीपल की छांव मे
नील गगन की बाहों में
प्रकृति की गोद में
ईश्वर की खोज मे
सागर की लहरों में
मुस्कुराते चेहरों में
चांद और सूरज की ओर चलते हैं
सारे गमों को भूल चलते हैं
– Anuj yadav
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