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17 Oct 2021 · 1 min read

चलो हम डूब जाते हैं _ मुक्तक

चलो हम डूब जाते हैं प्यार के हम समंदर में।
रखा कुछ भी नही हे यार रार के गम बवंडर में।।
छुपे हैं रत्न इसमें तो जिसे हम मिलकर खोजेंगे।
नहीं रहना हमें अब तो जमाने के इस खंडहर में।।
****राजेश व्यास अनुनय***

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 158 Views
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