चलो हमसफर यादों के शहर में
चलो महसफर यादों के शहर में
फिर से मुलाकाते होगी
फिर से नैन चार होगी
छुप छुप कर मिला करेंगे
लुक छुपकर बातें करेंगे
वही कॉफी बार में
उसी कप के साथ में
तुम शर्म से लिपट जाओगी
नजरे झुकार कर बैठ जाओगी
मैं छू लूंगा तेरी उंगलियों को
मैं पढ़ लूंगा तेरी खामोशियों को
जो वक्त बीत चुका है
उस वक्त को फिर से जीना है
रखकर सर एक दूसरे पर
फिर से कहीं खो जाना है
चलो हमसफर यादों के शहर में ।।