चलो वक्त से दो चार हो जाए
दुख पीड़ा सब पार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए
सोच रहा क्या दिल ही दिल में
जीवन कैसे गुलजार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए
माना कि वक्त तेज चलता है
ये पीछे छोड़ आगे चलता है
जरा सी तेज रफ्तार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए
जज्बा तुझे आज जगाना होगा
अभी और हौंसला लाना होगा
चाहे अब वार पे वार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए
कर्म का फल तुमको मिलना है
दो चार कदम ये और चलना है
‘विनोद’ये हंसी संसार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए