चलो भगवन श्रीराम के नाम पर।
चलो बस्ती के गरीब घरों में चलकर रोशनी करते हैं।
उनकी झोली भी दीपावली पर खुशियों से भरते हैं।।1।।
उनके लबों पर भी मुस्कान आए कुछ ऐसा करते है।
पोछकर उनके चेहरे से अश्कों को बहने से रोकते है।।2।।
परेशां हाल है जो अपनी जिंदगी में बदकिस्मती से।
मुफलिसी में उनके घर मिट्टी के दिये भी ना जलते है।।3।।
कहने को है मालिन बस्ती पर सांसे यहां तड़पती है।
बड़ी उम्मीद लगाए वो किसी के आने की राह तकते है।।4।।
उन्हें लगता है कोई फरिश्ता आकर खुशियां दे जायेगा।
चलो भगवन श्रीराम के नाम पर उनकी आशा भरते है।।5।।
ऊंच नीच के भेदभाव को छोड़कर उनको गले लगाते है।
आओ सब मिलकर उनके घर दीपावली मनाने चलते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ