चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
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चलो निकट से जाकर, मैया के दर्शन कर आएँ
(1)
एक हाथ में है त्रिशूल, जिससे महिषासुर मारा
गदा और तलवार सुशोभित, जिससे राक्षस हारा
धनुष-बाण इनका चलता है, पाकर तनिक इशारा
दूर-दूर तक चक्र कर रहा, दुष्ट- रहित जग सारा
अस्त्र शस्त्र हैं यह मैया के, दुष्ट देख डर जाएँ
(2)
हम भोले-भाले बच्चे, माँ हमको शंख सुनातीं
हमें कमल की पंखुड़ियों से, छू-छूकर सहलातीं
सदा-सदा आशीष हमारे, ऊपर माँ बरसातीं
वरद-हस्त माँ का जब तक, बाधाएँ नहीं सतातीं
माँगें माँ से माँ अपना प्रिय, बालक हमें बनाएँ
चलो निकट से जाकर, मैया के दर्शन कर आएँ
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451