चलो चाय पर करने चर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा।
मोहन सोहन और कन्हैया,
भानमति सङ्ग उनके सैंया।
नन्दू अदरक कूट रहा है-
इन्तजार में गप्पू भैया।
बहस छिड़ी है कौन सुवर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा ।।
विजय हो किसकी किसकी हार,
किसे मिले जन-जन का प्यार ।
नेता जी कह रहे चाय पर-
मौका दे दो अबकी बार।
सङ्ग चाहिए भर दी पर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा ।।
राजनीति की चाय अखाड़ा
सभी पढ़ें बस एक पहाड़ा
नेता नगरी ने भी समझा –
आकर तम्बू यही पे गाड़ा।
सभी ने खोले दलगत मोर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा।।
चाय सङ्ग मिल रहा समोसा,
सङ्ग-सङ्ग चरणों में बोसा।
चरण वंदना करें महाशय-
मांग रहे हैं खास भरोसा।
नेता जी कर रहे हैं खर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’