चलो चलते है ____ कविता
चलो चलते है __ चुनावी दौर में।
दल सारे ही पहुंच रहे है __ ठोर ठोर में।।
किसी की नजर में _ हम भी आ जाएंगे।
हो जायेगी कृपा दिन रात या भोर में।।
ताकत तो बहुत है _ हमारे भी हाथों में।
पहचान कहां पाए हम किसी भी दौर में।।
मतदान भी करना है _ हक लेने के लिए।
अब गुमनाम नहीं रहना _ इस शोर में।।
राजेश व्यास अनुनय