Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2019 · 1 min read

चलो कहानी शुरू करें कब

चलो कहानी शुरू करें अब
अपनी और तुम्हारी भाई
आज जो मैंने कलम उठाई
याद तुम्हारी दिन भर आई
यूं तो हंसना फितरत मेरी
आंख मगर अक्सर भर आई
बिना तुम्हारे इस दीवाली
घर हर कोने नमी समाई
सोचा दस्तक तुम दे दोगे
मगर तनिक ना आहट आई
आज जो मैंने क़लम उठाई
याद तुम्हारी दिन भर आई
यूं तो मैं चल रहा सफर में
लेकिन जैसे ठोकर खाई
दिल कहता बस और नहीं अब
आवाज तुम्हारी उस पल आई
चलो कहानी ….
अपनी और तुम्हारी भाई

2 Likes · 1 Comment · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
Shweta Soni
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दोस्त को रोज रोज
दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
ruby kumari
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
2898.*पूर्णिका*
2898.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
रिश्ता कमज़ोर
रिश्ता कमज़ोर
Dr fauzia Naseem shad
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
Ranjeet kumar patre
दोहे- चरित्र
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आज बुढ़ापा आया है
आज बुढ़ापा आया है
Namita Gupta
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Surinder blackpen
माना   कि  बल   बहुत  है
माना कि बल बहुत है
Paras Nath Jha
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
International  Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सताता है मुझको मेरा ही साया
सताता है मुझको मेरा ही साया
Madhuyanka Raj
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खामोश अवशेष ....
खामोश अवशेष ....
sushil sarna
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
बिधवा के पियार!
बिधवा के पियार!
Acharya Rama Nand Mandal
कल चमन था
कल चमन था
Neelam Sharma
Loading...