Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2023 · 1 min read

चलो ! ऐसा करते हैं

रिश्ते, रिवाज़, उसूल और समाज,
इन सबसे परे -चलो ऐसा करते हैं –
दिल के जज़्बातों को एहमियत देते हैं।
औरों की फ़िक्र कभी फ़िर करेंगे,
ख़ुद को खुश करने का, अरमान आज रखते हैं।
कोई भी नक्श- ए-कदम मिले ना मिले,
आज अपनी राहें ख़ुद बना लेते हैं।
सफ़र में मंजिल मिले ना मिले,
चलो, रहगुज़र को ही मंज़िल बना लेते हैं।
ताउम्र ख़ुशबुएं बांटते रहे अब –
चलो! अपने घर को फूलों से सजा लेते हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 154 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Anjali Singh
View all
You may also like:
यादों की तुरपाई कर दें
यादों की तुरपाई कर दें
Shweta Soni
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
Indu Singh
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
लड़ाई बड़ी है!
लड़ाई बड़ी है!
Sanjay ' शून्य'
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
* कुछ लोग *
* कुछ लोग *
surenderpal vaidya
भक्त बनो हनुमान के,
भक्त बनो हनुमान के,
sushil sarna
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
Happy independence day
Happy independence day
Neeraj kumar Soni
4406.*पूर्णिका*
4406.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
स्मृति
स्मृति
Neeraj Agarwal
रो रही है मॉं
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
Keshav kishor Kumar
"चित्तू चींटा कहे पुकार।
*प्रणय प्रभात*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
Ravi Prakash
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
कवि दीपक बवेजा
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है
gurudeenverma198
💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
***हरितालिका तीज***
***हरितालिका तीज***
Kavita Chouhan
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
Loading...