Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

” चलो उठो सजो प्रिय”

.

चलो उठो सजो प्रिय
तुम्हें बहुत दूर जाना है
अपनी सजी देेह का
मातम मनाना है
पीड़ा अपनी छुपा
लबों से मुस्कुराना है
चलो उठो सजो प्रिय
तुम्हें बहुत दूर जाना है
जिस आंगन गुडियों से खेली
वो आंगन छोड़ जाना है
अपनी इच्छाओं का दमन कर
दूजा घर-आंगन बसाना है
धीर-गम्भीर बन
घर की रीत निभाना है
पीड़ा अपनी छिपा मुस्कुराना है
चलो उठो सजो प्रिय
तुम्हें बहुत दूर जाना है
अपनी सजी देह का
मातम मनाना है
वादा किया जो हिय से
वो वादा निभाना है
डोली खड़ी सजी द्वारे
भरे मन से थापे लगाना है
घड़ी विदाई की आई
खिल अंजलि में भर
माँ की झोली सजाना है
नैना डबडबाये मगर
मुस्कुराना है
चलो उठो सजो प्रिय
बहुत दूर जाना है
अपनी सजी देह का
मातम मनाना है
चलो उठो सजो प्रिय
बहुत दूूर जाना है
हिदायते पापा ने जो दी
उन्हें अमल में लाना है
माँ ने जो सीख दी
उन्हीं से जीवन बिताना है
भैया ने जो समझाया
पिया का घर अब है तेरा
अब ये घर बेगाना है
डोली पे तू जा रही
अर्थी पे ही आना है
मां के दूध का कर्ज चुकाना है
कलेजा मुंह को आ रहा
मगर मुस्कुराना है
चलो उठो सजो प्रिय
बहुत दूर जाना है
अपनी सजी देह का
मातम मनाना है
चलो उठो सजो प्रिय
बहुत दूर जाना है |

– शकुन्तला अग्रवाल, जयपुर

Language: Hindi
13 Likes · 5 Comments · 138 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चुप रहने की घुटन
चुप रहने की घुटन
Surinder blackpen
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
मजदूर की मजबूरियाँ ,
मजदूर की मजबूरियाँ ,
sushil sarna
*परिवर्तन में छिपा हुआ है, सुख के रहस्य का शुभ झरना (राधेश्य
*परिवर्तन में छिपा हुआ है, सुख के रहस्य का शुभ झरना (राधेश्य
Ravi Prakash
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
😢कलजुग😢
😢कलजुग😢
*प्रणय प्रभात*
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
ऑफ्टर रिटायरमेंट
ऑफ्टर रिटायरमेंट
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
घनाक्षरी
घनाक्षरी
surenderpal vaidya
जपूं मैं राधेकृष्ण का नाम...!!!!
जपूं मैं राधेकृष्ण का नाम...!!!!
Jyoti Khari
उम्र  बस यूँ ही गुज़र रही है
उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है
Atul "Krishn"
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
होली
होली
Dr Archana Gupta
प्रभु का प्राकट्य
प्रभु का प्राकट्य
Anamika Tiwari 'annpurna '
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
4401.*पूर्णिका*
4401.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
Ashwini sharma
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
सही लोगों को
सही लोगों को
Ragini Kumari
"न्यायालय"
Dr. Kishan tandon kranti
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
Loading...