चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
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चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं
1)
सदियों से थी प्यास हृदय में, पूरी अब हो पाई
अवधपुरी में ध्वजा राम की, आलौकिक फहराई
घर-घर सौ-सौ दीपक घी के, खुशियों के अब जलते हैं
2)
जन्म राम का था अवतारी, समझ सभी को आया
रामचरितमानस तुलसी का, यों संपूर्ण कहाया
जमे हुए जो सदियों से थे, वह हिमखंड पिघलते हैं
3)
राम तारते आए जग को, राम हमें तारेंगे
सज्जन अभय-दान पाऍंगे, दुष्टों को मारेंगे
दुर्दिन कितने भी लंबे हों, संकल्पों से ढलते हैं
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451