चलों मदीने को जाते हैं।
चलों मदीने को जाते है।
दुआओं का असर लेकर आते है।।1।।
सुना है दर है खुदा का।
तमां सुकूं वहां पे जीकर आते है।।2।।
नशा है वहां खुदाई का।
हम सब मदहोश होकर आते है।।3।।
आबे जमजम है वहां पे।
यूं जाम पे जाम पीकर आते है।।4।।
पैदा तो ना हुए मदीने में।
पर वहां मरके हश्र को जाते है।।5।।
अपनी इबादत में शायद।
हम भी रसूले खुदा को पाते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ