चले ख़्वाब में तुझको, लाने बहुत
तड़प उट्ठे हैं तुझको, पाने बहुत
चले ख़्वाब में तुझको, लाने बहुत
भले उम्रभर को, सताया मुझे
मुहब्बत की देवी हो, माने बहुत
सुनो रोज़ उल्फ़त की, रागे ग़ज़ल
बजें दिल के जंक्शन में, गाने बहुत
न बरसों बरस, चैन आया मुझे
कई रोज़ बदले, ठिकाने बहुत
भुलाया गया एक पल ना तुझे
मुझे यूँ लगें हैं ज़माने बहुत