चले राह पर धर्म की
चले राह पर धर्म की,करे निरन्तर काम !
सूरज की तकदीर मे,कहाँ लिखा आराम ! !
लडते हैं बाजार मे,..ज्यों सरकारी सांड !
टीवी चैनल पर लडें,इसी भांति कुछ भांड !!
यही गनीमत है बड़ीं, आज़ादी पश्चात !
ले लेता हूँ सांस मै,कर लेता हूँ बात !!
रमेश शर्मा.