Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 1 min read

चले भी आओ

प्रिय चले भी आओ
बीत गया सावन भी पिया
बूँद मिली ना जल की पिया
एक ओर मौसम की ज्वाला
दूसरा तेरा मुझसे दूर जाना
आग मे घी सा दहकाता है

सूखे सारे मौसम तेरे जाने से
हलचल मन में याद आने से
सूखी लकड़ी सी पतझड से
दर्द पुकारता तुझे अंग-अंग से
पुरवा हवाएँ बहती रग-रग से
प्रिय चले भी आओ

प्रान प्रिय मेरे तुम रखवाले
आकाश के तारे से तुम प्यारे
मेरी वेदना को तुम सम्हाले
ये विरह दावानल सा जलावे
तन-मन हर-क्षण आग लगावे
प्रिय चले भी आओ

Language: Hindi
73 Likes · 584 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
डूबता सुरज हूँ मैं
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
वेद पुराण और ग्रंथ हमारे संस्कृत में है हर कोई पढ़ा नही पाएं
वेद पुराण और ग्रंथ हमारे संस्कृत में है हर कोई पढ़ा नही पाएं
पूर्वार्थ
वक़्त का समय
वक़्त का समय
भरत कुमार सोलंकी
■ सरोकार-
■ सरोकार-
*प्रणय*
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
I met Myself!
I met Myself!
कविता झा ‘गीत’
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
थरमस (बाल कविता)
थरमस (बाल कविता)
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
कल जो रहते थे सड़क पर
कल जो रहते थे सड़क पर
Meera Thakur
चितौड़ में दरबार डोकरी
चितौड़ में दरबार डोकरी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
Rj Anand Prajapati
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
4707.*पूर्णिका*
4707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
चंदन का टीका रेशम का धागा
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
Loading...