*चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है (गीत)*
चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है (गीत)
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चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है
1)
उत्साही मन श्रद्धा लेकर, निकले कॉंटों के पथ पर
घर-घर से नवयुवक निकल कर, कंधे पर लेकर कॉंवर
नया पुराना कोई हो, हर पथिक तुम्हारा वंदन है
2)
कष्ट सहन करने को तत्पर, मार्गों पर चलते जाते
दिनभर जो अविराम चल रहे, भोजन वह कम ही खाते
मन में बसे हुए शंकर, माथे पर शोभित चंदन है
3)
भोले भरकर नीर नदी, मंदिर में भेंट चढ़ाते हैं
जो निर्मल मन के भोले, वह भोले के हो जाते हैं
सावन में मनभावन ज्यों, भगवा सड़कों पर स्यंदन है
चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है
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स्यंदन = रथ
नीर = जल
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451