चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
मगर नहीं सत्य हारता है ये सच किसी से नहीं छिपा है
मिला है जो भी हमें यहाँ पर वो है हमारा ही तो कमाया
किए हैं जिसने भी कर्म जैसे, वही लकीरों में बस लिखा है
डॉ अर्चना गुप्ता
28.11.2024