चले चलो
नई जगह पर जाकर
मुश्किलों को पाकर
थोड़ा धैर्य बनाए हुए
चले चलो,चले चलो।
काम कोई भी करते रहो
कभी उदासी सहते रहो
पर अनोखी से मुस्कान लिए
चले चलो, चले चलो।
काम अगर ना हो पाया
नरक समान लगता जीवन
पर स्वर्ग बनाकर खुद जीवन को
चले चलो, चले चलो।
एक-एक से बात हुई
सभी जगह पर हार हुई
पर अब भी आशा लिए हुए
चले चलो, चले चलो।
नींद रात मे आती नहीं
कोई बात भी भाती नहीं
कुछ तो मन को मारकर
चले चलो, चले चलो।
थोड़ा चलकर रुक जाता हू
कभी अचानक झुक जाता हू
पर स्वाभिमान को लिए हुए
चले चलो, चले चलो।
अब तैव्हार छोड़ना अच्छा
बिना वजह ना बोलना अच्छा
चुप-चुप रहकर हर दम
चले चलो, चले चलो।।