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18 Mar 2020 · 2 min read

चली चुनावी बयार चली

आरोपों के धूल उड़ाती चली चुनावी बयार चली
तर्कहीन बातों में उलझी आपस में तकरार चली

गठबंधन से आस लगाकर जाति प्रवक्ता प्रखर हुए
चार साल से शांत विपक्षी अब जाकर के मुखर हुए

जनहित में क्या किया तुम्हें भी अब हिसाब देना होगा
जनता की है लगी अदालत अब जवाब देना होगा

संसद में कितना बोले क्या झूठ है क्या सच्चाई है
कितने आंदोलन में कूदे कितनी लाठी खाई है

डूब रहे कितने मज़लूमों को अब तक है हाथ दिया
जनता जब उतरी सड़कों पर तुमने कितना साथ दिया

चार साल तक ओढ़ रजाई बस केवल आराम किया
राजनीति के पेशे को तुम लोगों ने बदनाम किया

जातिवाद का जाल फेक जनता को फँसाने निकल पड़े
खुद जो भ्रम में पड़े हुए हैं वो भरमाने निकल पड़े

बस है नजर तुम्हारी उसके कोट पे, उसके जूते पर
आतंकवाद की कमर तोड़ दी जिसने अपने बूते पर

कंगाल हो गया उधर पाक जब उसने बंदी नोट किया
कितने निर्दोष मरे फिर उसने कितना बम बिस्फोट किया

दूर विदेशों में जाकर अपना परचम लहराया है
यू एन ओ के चुनावों में भारत का ध्वज फहराया है

किया सर्जिकल स्ट्राइक आतंक के कद को घटा दिया
अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से चीन को पीछे हटा दिया

छत गरीब को देकर बच्चों को विद्यालय ले आया
भारत स्वच्छ बनाने को घर-घर शौचालय ले आया

दिया गरीबों को आरक्षण काम ये उसने खास किया
जाति धर्म की हटा के बेड़ी सबका साथ विकास किया

भेदभाव के बिना चलूँगा ये संकल्प उठाया था
जब संसद की सीढ़ी पर मोदी ने शीश झुकाया था

स्वागत फिर भी करूँ तुम्हारा सत्ता में भी आओ तुम
पर भविष्य की कोई योजना जनता को बतलाओ तुम

कंगाली के आलम में खाली मय का पैमाना है
सब में ये खलबली मची है चौकीदार हटाना है

दूर खड़ी है सत्ता तुमसे लौट के तुम घर जाओगे
जो मोदी न कर पायेगा वो तुम क्या कर पाओगे

Language: Hindi
1 Like · 232 Views
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