चला कर तीर नज़रों से
चला कर तीर नज़रों से,पूछते हो लगा कहां है।
घायल करके पूछते हो मुझसे घाव हुआ कहां है।।
दिल देकर पूछते मुझसे,दिल में धड़कन कहां है।
तड़पा कर तुम मुझको,पूछते हो तड़पन कहां है।।
इश्क का फतवा देकर मुझे,अब जाते कहां हो।
फेरे फेर कर मुझसे,अब रूठ कर जाते कहां हो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम