चलने की तैयारी रख
भले सभी से यारी रख
थोड़ी दुनियादारी रख
जो भी कह तू मुँह पर कह
पर दिल में न कटारी रख
छुपना है जंगल में तो
चीते जैसी धारी रख
नहीं झुकेगी नजर कभी
मन में बस खुद्दारी रख
खाली मत रख आँगन को
फूलों की इक क्यारी रख
लोग देखने आएंगे
कोई इक बीमारी रख
चिंतन मंथन सब कुछ कर
दिल की बातें सारी रख
याद करेंगे लोग तुझे
थोड़ी बहुत उधारी रख
बेटा बेटा मत कर तू
इक बेटी भी प्यारी रख
बजने वाली है सीटी
चलने की तैयारी रख