चलना ही चाहिए ___ घनाक्षरी
दिन में भी चलती है, रात में भी चलती है।
पल पल चलती है, चलना ही चाहिए।।
माया नहीं पास मेरे ,काया ही तो खास यह।
सांस मेरी काया की तो, चलना ही चाहिए ।।
करता हूं योग रोज ,मैं रहता निरोग हूं।
उठकर भोर में तो, चलना ही चाहिए।।
जब तक यह तन, धन अनमोल यह।
“अनुनय” धन ये तो ,चलना ही चाहिए।।
राजेश व्यास अनुनय