चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
टूटना, थकना, रुकना, हारना मृत्यु से पहले कायरों का काम है।।
हौसलों से जीतते है, वीर मरने के भी बाद।
मरना है तो लड़ मरो, नवयुग करेगा जिंदाबाद।।
जय हिंद