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18 Aug 2021 · 1 min read

— चलना तो सीखो —

दोष देना बहुत आसान है
दोष देने में क्या लगता जोर है
जुबान से निकला एक शब्द
तीर की तरह लगता इस ओर है !!

लोग डूबते हैं तो
पानी को दोष देते हैं
मंजिल अगर हांसिल न हुई
तो किस्मत को कोसते हैं !!

खुद को चलना तक नही आता
जब कहीं ठोकर लग जाए
तो उस पत्थर को ही
दोष दे देते हैं , हद है !!

पढना लिखा क्यूं सीखते हैं
माता पिता कितना समझाते हैं
उस के बाद भी अकल न चले
तो फिर देखो किसी को दोष देते हैं !

उम्र के हर पल से आगे बढ़ो
दोष यूं ही न किसी पर गढ़ों
चलना सीखो बढ़ो मंजिल की तरफ
हर वक्त किस्मत यारो मत कोसो !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 475 Views
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