चलना काम हवाओं का _
चलना काम हवाओं का जिन्हें कोई रोक नहीं सकता।
करते हैं जो मनमानी उन्हें कोई टोंक नहीं सकता।।
तुम्हारा काम है चलना तुम चलते ही सदा रहना।
जो चलता सीधी राहों पर उन्हें कोई ठोक नहीं सकता।
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लगने क्यों लगा ऐसा पैसा ही बना पेशा ।
मन इसके ही मद में आजकल सना कैसा।।
नशा यह कैसे उतरेगा समझ नहीं पा रहे हैं हम।
हाहाकार मचा चहुँ और हाय पैसा हाय पैसा।।
राजेश व्यास अनुनय