चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
आईं भी अड़चनें बड़ी रोके न पर कदम
हर हार को बदलते रहे जीत में यहाँ
लक्षित शिखर को इसलिए ही छूसके थे हम
डॉ अर्चना गुप्ता
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
आईं भी अड़चनें बड़ी रोके न पर कदम
हर हार को बदलते रहे जीत में यहाँ
लक्षित शिखर को इसलिए ही छूसके थे हम
डॉ अर्चना गुप्ता