Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2023 · 1 min read

*चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)*

चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान (कुंडलिया)

चलते-चलते मिल गईं, तुम माणिक की खान
ईश्वर के संयोग यह, बिना जान-पहचान
बिना जान-पहचान, वर्ष चालीस बिताए
मधुमय इसके रंग, सदा मीठे ही पाए
कहते रवि कविराय, पथिक दो साथ निकलते
धन्य-धन्य है संग, समय बीता जो चलते

माणिक = एक प्रकार का रत्न जिसे अंग्रेजी में रूबी कहते हैं

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
Ranjeet kumar patre
ସେହି ଭୟରେ
ସେହି ଭୟରେ
Otteri Selvakumar
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
4142.💐 *पूर्णिका* 💐
4142.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
प्रेम सदा निष्काम का ,
प्रेम सदा निष्काम का ,
sushil sarna
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
❤️
❤️
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
Annu Gurjar
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सही कहा है
सही कहा है
पूर्वार्थ
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
"टेलीविजन"
Dr. Kishan tandon kranti
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
Sonam Puneet Dubey
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एक
एक
*प्रणय*
Don't Be Judgemental...!!
Don't Be Judgemental...!!
Ravi Betulwala
सबक
सबक
Saraswati Bajpai
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...