चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
इक बे- वफा थी रूह- ए – नील, परवाज़ करती ।
✍️नील रूहानी..
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
इक बे- वफा थी रूह- ए – नील, परवाज़ करती ।
✍️नील रूहानी..