Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

चलती है जिंदगी

कदम एक बढ़ाती है,
धीमी सी मुस्काती है,
सरपट दौड़ लगाती है,
सुंदर भोर के आने से।
देखो, सुबह जग जाती है, जिंदगी..
दिन के रेलम पेल में,
निज जीवन झमेल में,
उदर क्षुधा सम्मेल में,
यदा कदा भटकाती है।
देखो, दिन में भाग लगाती है, जिंदगी..
धीरे कदम ठिठकती है,
हर पग पीछे हटाती है,
घर की चिंता सताती है,
दिनकर के ढल जाने से।
देखो,फिर मुड़कर आती है, जिंदगी..
सुकून भरी सुस्ताती है,
मन ही मन हर्षाती है,
सपनो में खो जाती है,
रजनी के चल आने से।
देखो, कैसे दुबग जाती है, जिंदगी..
जिंदगी के इस खेल में,
दिन और रात के मेल में,
कभी पास और फैल में,
अधुरी पूरी ढल जाती है।
देखो,कँही दूर निकल जाती है, जिंदगी..
रचनाकार@डॉ शिव लहरी’

Language: Hindi
173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. शिव लहरी
View all
You may also like:
क्रोधावेग और प्रेमातिरेक पर सुभाषित / MUSAFIR BAITHA
क्रोधावेग और प्रेमातिरेक पर सुभाषित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
रोशनी का पेड़
रोशनी का पेड़
Kshma Urmila
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
'बेटी की विदाई'
'बेटी की विदाई'
पंकज कुमार कर्ण
पीक चित्रकार
पीक चित्रकार
शांतिलाल सोनी
चोर उचक्के सभी मिल गए नीव लोकतंत्र की हिलाने को
चोर उचक्के सभी मिल गए नीव लोकतंत्र की हिलाने को
Er. Sanjay Shrivastava
शेर
शेर
Monika Verma
अश्रुऔ की धारा बह रही
अश्रुऔ की धारा बह रही
Harminder Kaur
आज
आज
Shyam Sundar Subramanian
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
श्री राम भजन
श्री राम भजन
Khaimsingh Saini
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#देसी_ग़ज़ल-
#देसी_ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Dr Shweta sood
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
माना के तू बेमिसाल है
माना के तू बेमिसाल है
shabina. Naaz
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
भूल कर
भूल कर
Dr fauzia Naseem shad
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
Loading...