चरित्र मानवीय मूल्यों की कुंजी….!
मानव के अन्दर चरित्र का निर्माण एक दिन में नही होता हैं। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक चलती रहती हैं। चरित्र से ही देव और दानव में अंतर किया जा सकता हैं। अच्छे चरित्र अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करता है।चरित्रवान व्यक्ति समाज मे बहुद्देश्यीय योगदान देता है। अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति में सबकी निष्ठा बनी रहती हैं, वे हमेशा पूजनीय होते हैं। जैसे महात्मा गाँधी, डॉ भीमराव अम्बेडकर एवं अन्य महापुरुष हैं। शरीर नश्वर हैं लेकिन चरित्र आत्मा है। शरीर मर सकता है लेकिन चरित्र कभी नही मरता, वह अजर अमर और सर्वशक्तिमान हैं। चारित्रिक श्रेष्ठता सर्वश्रेष्ठ मानवीय गुण है, यह निःसंदेह सत्य है।चरित्र से परिपूर्ण व्यक्ति पथ भर्ष्ट नही हो सकता, वह अच्छे बुरे में अंतर स्पष्ट कर हमेशा भले वाले रास्ते पर चलता है, और उस पर अपने को न्योछावर कर देता हैं। चरित्र व्यक्ति के व्यक्तित्व का पुंज होता है, जो चारों दिशाओं में फैलता है। यह मानवीय मूल्यों को प्रकाशित करता है।