चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
सत रंगी-सत रंगी हो गई, बरसाने की गलियाँ
भंगिया के, प्रसाद बट रहे, हर गोकुल की दुवरिया
स्नेह रंग में, डुबकी लगाए, राधे कृष्ण सवरिया
नगरिया आओ कृष्ण सवरिया…….!
रास रंग को, तरसन लागे, हर गोकुल की छोरिया
फागुन के इस, मस्त पवन में, छलके प्रेम गगरिया
प्रेम गुलाल, उड़न है लागे, बरसाने की नगरिया
स्नेह रंग में, डुबकी लगाए, राधे कृष्ण सवरिया
नगरिया आओ कृष्ण सवरिया…….!