चमन में सैर करेंगे तो याद आओगे।
गज़ल
1212……1122……1212……22
चमन में सैर करेंगे तो याद आओगे।
गुलाब जब भी खिलेंगे तो याद आओगे।
खिज़ा से दूर ही रहना है तुमको मौसम में,
बिखर गये न मिलेंगे तो याद आओगे।
तुम्हारे बिन तो कठिन है बहुत मँजिल मेरी,
अकेले पथ पे चलेंगे तो याद आओगे।
गिरो उठो भी चलो तुमने मुझको बतलाया,
गिरेंगे उठ के बढ़ेंगे तो याद आओगे।
किया है प्यार करेंगे हमेशा तुमसे ही,
गये जो छोड़ मरेंगे तो याद आओगे।
लगा के प्यार की बगिया चले कहाँ हो तुम,
चमन में फूल खिलेंगे तो याद आओगे।
तुम्हें पता ही नहीं मैं तुम्हारा प्रेमी हूँ,
प्यार तुमसे न करेंगे तो याद आओगे।
…….✍️प्रेमी