चन्द लम्हों का साथ नहीं चाहिए
चन्द लम्हों का साथ नहीं चाहिए
ऐसे हमसफ़र आज नहीं चाहिए
जूगनूजो राहें दिखाते रहे हैं सदा
वो हसीन माहताब नहीं चाहिए
दिले रास आ गया खिजांओ में
वो बहारें नयाब नहीं चाहिए
सुकून है अपने गरीबखाने में
शानो-शौकत, नबाब नहीं चाहिए
अपनी ज़मीं पे उगायेगे सोना” नूरी”
अब सरकारी जाब नहीं चाहिए
नूरफातिमा खातून” नूरी”
२२/३/२०२०