चन्द्रशेखर वीरता का दूसरा पर्याय है
(पुण्यतिथि : २७ फरवरी १९३१)
चन्द्रशेखर वीरता का, दूसरा पर्याय है ।
हिन्द के इतिहास में इस, वीर का अध्याय है ।।
तन लुटाया, मन लुटाया, हो गया बलिदान ये ।
बन गया निज राष्ट्र का यश, गर्व अतिअभिमान ये।।१।।
जो प्रतिज्ञा कर गया, वह पूर्ण ये करता रहा ।
चन्द्र के हुंकार को सुन, ब्रिटिश दल डरता रहा ।।
हाथ आएगा न जीवित, पूर्ण ये प्रण कर गया ।
स्वयं को ही मार गोली, पार्क में ये मर गया।।
-सुरेश कुमार ‘सौरभ’
(छन्द :- गीतिका)