Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2022 · 1 min read

चन्दौसी मेला

चलो सखी चंदौसी मेला
गणपति बप्पा आये हैं
रंग बिरंगी झांकी सारी
अनगिन झूले लाये हैं ।

चाँट पकौड़ी इडली डोसा
गोल गप्पे और समोसा
छोले भटूरे पाव भाजी
दही जलेबी ताजी ताजी ।

सोफ्टी अनेक स्वाद वाली
कुल्फी मीठी डंडी वाली
शिकंजी खट्टी लिमका ठंडा
को को कोला और मिरिंडा ।

पायल बिछवे चूड़ी कंगन
बिंदी बाली लाली अंजन
मिलता सब कुछ ही मेले में
कितनी चीजें एक ठेले में ।

कप प्लेट और तवा कड़ाही
मटकी मटका और सुराही
चीनी मिट्टी और काँच के
बरतन भी हैं सभी तरह के ।

खेल खिलौने जादू टोने
बच्चों को न देते रोने
खुशी खुशी में बड़े घूमते
मस्ती में हैं सभी झूमते ।

रौनक कितनी है मेले में
भूले सब सुख दुख मेले में
छोटी सी दुनिया मेले में
मुट्ठी भर खुशियाँ मेले में ।

डॉ रीता सिंह
चन्दौसी , सम्भल

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
खूबसूरत देखने की आदत
खूबसूरत देखने की आदत
Ritu Asooja
शब्द
शब्द
Mahesh Jain 'Jyoti'
सबसे बड़ी शिक्षक
सबसे बड़ी शिक्षक
Surinder blackpen
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक चतुर नार
एक चतुर नार
लक्ष्मी सिंह
मेरा नहीं है
मेरा नहीं है
Minal Aggarwal
" चर्चा "
Dr. Kishan tandon kranti
कृपा से हमें
कृपा से हमें
Sukeshini Budhawne
मैं मधुर भाषा हिन्दी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विश्वास की नाप
विश्वास की नाप
डॉ.सतगुरु प्रेमी
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
**जिंदगी की ना टूटे लड़ी**
**जिंदगी की ना टूटे लड़ी**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
प्रेम
प्रेम
Roopali Sharma
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
Ram Krishan Rastogi
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
ठूंठा पेड
ठूंठा पेड
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
सारी उपमा
सारी उपमा
Priya Maithil
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
डर नाहि लागो तोरा बाप से
डर नाहि लागो तोरा बाप से
श्रीहर्ष आचार्य
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश्
सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश्
ललकार भारद्वाज
वक़्त  बहुत  कम  है.....
वक़्त बहुत कम है.....
shabina. Naaz
Loading...