चट्टान…
भले ही
मेरा वक़्त
नाजुक हो…
मग़र
मुझे कमज़ोर
समझेंने की
भूल तुम ना करना…
आँधी महज़
धूल उड़ा सकती है
दरख़्त गिरा सकती है
मग़र चट्टान हूँ मैं…
भले ही
मेरा वक़्त
नाजुक हो…
मग़र
मुझे कमज़ोर
समझेंने की
भूल तुम ना करना…
आँधी महज़
धूल उड़ा सकती है
दरख़्त गिरा सकती है
मग़र चट्टान हूँ मैं…