Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2024 · 1 min read

चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से

चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से

समय की प्रारब्धता बिकी सपनों के भाव से

विश्वास की सरिता भरी कटुता के धार से

कुटिलता का विष मिला दिखावटी व्यवहार से

चंकी पाण्डेय सेवटा

2 Likes · 148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
कौन ?
कौन ?
साहिल
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
आज का अभिमन्यु
आज का अभिमन्यु
विजय कुमार अग्रवाल
संबंध अगर ह्रदय से हो
संबंध अगर ह्रदय से हो
शेखर सिंह
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहू हो या बेटी ,
बहू हो या बेटी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
2618.पूर्णिका
2618.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
Dhirendra Singh
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
बुंदेली दोहा- चंपिया
बुंदेली दोहा- चंपिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"कवि के हृदय में"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
चुनाव का मौसम
चुनाव का मौसम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
★गहने ★
★गहने ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दिनचर्या
दिनचर्या
Santosh kumar Miri
Loading...