चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
गोवर्धन गिरधारी,मेरी लाज बचाओ ना
राम रूप में तुमने असुरों को मारा था
पत्थर बनी अहिल्या को तुमने तारा था
नैया फसी भंवर में,तुम पार लगाओ ना
बंसी धर बनवारी मेरी लाज बचाओ ना
हर पल हर दम जिसने तेरे गुण गाया है
खुश होकर प्रभु तूने हृदय से लगाया है
आओ अवध बिहारी,अब देर लगाओ ना
नटवर कृष्ण मुरारी,मेरी लाज बचाओ ना
रोम रोम में राम बसे हनुमत ने बतलाया
सीना चीर के अपने श्री राम दिखलाया
“कृष्णा” पड़ा शरण में,तुम देर लगाओ ना
गोवर्धन गिरधारी,मेरी लाज बचाओ ना
✍️कृष्णकांत गुर्जर धनौरा