चंद शेर…..अर्ज हैं
टूटा साख से पत्ते करते हैं,हम तो स्वयं एक पेड हैं भैया।
सागर की तरह छाती पर,औरों की तैराया करते हैं नैया।।
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यहाँ हर समस्या का समाधान होता है।
कुछ पल का ही बस व्यवधान होता है।
विपत्तियां वो शिक्षा देती हैं दोस्त”प्रीतम”,
जिसमें हर महाविद्यालय नाकाम होता है।
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कभी हमसफर रूठे तो मना लीजिए।
मधुर मुस्कान से दिल में पनाह दीजिए।
त्याग और विश्वास से ही रिश्ते बनते हैं,
भूल से भी इन्हें न कभी भूला कीजिए।
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हर काली रात के बाद सुबह होती है।
हर गम की घटा बरस हरियाली बोती है।
जिन्दगी में उम्मीद की लौ जलाए रखना,
फूल से फल की संज्ञा सपने संजोती है।
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बेवफाई भी किसी की बहुत कुछ सिखाती है।
धूप से क्या प्यार छाँव देख ये भाग जाती है।
जिंदगी में हर चीज का अपना महत्त्व है,दोस्त!
समझे उसके लिए बेवफाई भी सीख बन जाती है।
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राधेयश्याम बंगालिया”प्रीतम”