Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत

चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
दर्शाया नहीं जा सकता।
वनिता बगैर इस भुवन पर सृष्टि गुत्थी
सुलझाया नहीं जा सकता।
नारी शक्ति के सहयोग बिना सृष्टि को
बढ़ाया नही जा सकता।
मातृत्व है उत्कर्ष नारीत्व का इस तथ्य को
झुठलाया नहीं जा सकता ।
स्त्री-शक्ति का अस्तित्व सदैव बनी रहेगी
मिटाया नहीं जा सकता।
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त नारी सत्ता को
झुठलाया नहीं जा सकता।

115 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from manorath maharaj
View all
You may also like:
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
टूटता   है  यकीन  खुद  पर  से,
टूटता है यकीन खुद पर से,
Dr fauzia Naseem shad
Home Sweet Home!
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
हद
हद
Ajay Mishra
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बे खुदी में सवाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
SHAMA PARVEEN
कूष्माण्डा
कूष्माण्डा
surenderpal vaidya
..
..
*प्रणय*
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु
PRADYUMNA AROTHIYA
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
"समझो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
" अंधेरी रातें "
Yogendra Chaturwedi
टूटी बटन
टूटी बटन
Awadhesh Singh
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
माता, महात्मा, परमात्मा...
माता, महात्मा, परमात्मा...
ओंकार मिश्र
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
फर्श पे गिर के  बिखर पड़े हैं,
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
हिमांशु Kulshrestha
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
पूर्वार्थ
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
मुक्तक _ दिखावे को ....
मुक्तक _ दिखावे को ....
Neelofar Khan
जीवन में आगे बढ़ जाओ
जीवन में आगे बढ़ जाओ
Sonam Puneet Dubey
Loading...