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28 Sep 2024 · 1 min read

चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा

चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
मैं वो इबारत हूं जिसे दिलो पे उभरने का हुनर आता
और चंद ख्वाहिसो को समेट ले ऐ दिल.. ये जिंदा लाशों की बस्ती .. है लुफ्त ही उठाएंगे.
.और चिंदी सा कलुषित सोच लिए ,,
कान्हा किसी की महिमा गायेंगे

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