चंद एहसास
चंद एहसास
1
खुद को कहते थे वो खुदा का नूर
ये उनका अहं था या उनका गुरूर
खुदा का बन्दा कहलाने का था उनको अजब शुरूर
दो चार गम क्या मिले , सारा नशा उनका हो गया काफ़ूर
2
हाले दिल अपना उनको सुनाएँ तो न सुनाएँ क्यूं
अपनी तन्हाइयों से उनको मिलाये तो न मिलाएं क्यूं
वीरानियों का अजब मंज़र उन्हें दिखाएँ तो न दिखाएँ क्यूं
उन्हें उनकी खूबसूरती का एहसास कराएं तो न कराएं क्यूं