चंद एहसासात
दिल के ग़ुबार मुस्कुराहट से झुपते नहीं ,
नज़रों से बयाँ हो ही जाते हैं ,
दर्द-ए-दिल जज़्ब होता नहीं ,
अश़्क बन छलक ही जाता है ।
दिल के ग़ुबार मुस्कुराहट से झुपते नहीं ,
नज़रों से बयाँ हो ही जाते हैं ,
दर्द-ए-दिल जज़्ब होता नहीं ,
अश़्क बन छलक ही जाता है ।