चंद अल्फाज रहने दो
चंद अल्फाज रहने दो
फुर्सत की बात रहने दो
इश्क शब्द ही है अधूरा
अब अधूरा ही रहने दो।
लफ्जों में बयां करना मुश्किल
समझाना और समझना मुश्किल
राह सफर मुश्किल ही मुश्किल
थक चुका कदम अब रहने दो।
आ द्वार खड़ा यमराज है
हौसला अब पास्ता है
क्या करूं इश्क हुजूर
गंगाजल का इंतजार है।।
गौतम साव (वेस्ट बंगाल)