चंद्रशेखर
चन्द्र शेखर नाम जिनका भारती के बाल थे
देशहित में ही सदा वो चलते अपनी चाल थे
उम्र थी छोटी बहुत लेकिन रगों में जोश था
भारती के दुश्मनों का बन गये वो काल थे
वीर हिंदुस्तानियों से प्यार था उनको बहुत
दुर्दशा को देख उनकी वो नहीं खुशहाल थे
पत्थरों से ईंट का उत्तर दिया अरि को सदा
छोड़ते उनको नहीं थे ,खींच लेते खाल थे
जो भी मन में ठान लेते करते थे उसको जरूर
कहने भर को ही नहीं वो बस बजाते गाल थे
दुश्मनों के हाथ मरना चाहते थे वो नहीं
मारकर गोली स्वयं को सो गए वो लाल थे
सिद्ध मरकर के किया आजाद था आजाद हूं
उसने ऊंचा कर दिया माँ भारती का भाल था
27-02-2023
डॉ अर्चना गुप्ता