चंदा मामा
चंदा मामा आओ ना
सपने नये दिखाओ ना
मीठी लोरी गाकर तुम
आओ हमें सुलाओ ना
कितने प्यारे लगते हो
हम से प्रीत निभाओ ना
मन को भाते हैं तारे
उनको भी बुलवाओ ना
रूठा-रूठी छोड़ो अब
छुपकर हमें सताओ ना
कब से तरस रहे हैं हम
अब तो गले लगाओ ना
कहे अर्चना तुम से ये
पास कभी तो आओ ना
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद