चंदा मामा (बाल कविता)
बाल कविता (चँदा मामा)
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चँदा मामा छत पर आना
अपने संग चाँदनी लाना
जमकर दूध मलाई खाना
बादल में जा कर छुप जाना।
चँदा मामा छत पर आना
साथ हमारे दौड़ लगाना
खेलते हुए जब थक जाना
बादल में जा कर छुप जाना।
चँदा मामा छत पर आना
एक कहानी मुझे सुनाना
जब सो जाऊँ नहीं जगाना
बादल में जा कर छुप जाना।
चँदा मामा छत पर आना
भले नहीं कुछ भी तुम लाना
मामा का कर्तव्य निभाना
बादल में जा कर छुप जाना।
भावना कुमारी