चंदा-पतंग
उड़ता विमान नील गगन में
अंदर बैठा मैं, मनन चिंतन में
मन रत बाहर,पंख पर नर्तन में
पुलक,चाँद पकड़ने के प्रवर्तन में
खूब इठलाऊँ,जो पकड़ लूँ चंदा
पतंग उड़ाऊँ,डाल नेह का फंदा
-©नवल किशोर सिंह
उड़ता विमान नील गगन में
अंदर बैठा मैं, मनन चिंतन में
मन रत बाहर,पंख पर नर्तन में
पुलक,चाँद पकड़ने के प्रवर्तन में
खूब इठलाऊँ,जो पकड़ लूँ चंदा
पतंग उड़ाऊँ,डाल नेह का फंदा
-©नवल किशोर सिंह